अदरक की खेती कैसे की जाती है ,Adrak ki Kheti Kaise Karen

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अदरक की खेती कैसे की जाती है ,Adrak ki Kheti Kaise Karen

नमस्कार किसान भाइयों, हम सभी जब अदरक डालकर बनाई चाय को पीते है तो उसका एक अलग ही स्वाद होता है उसी प्रकार अदरक डालकर कोई सब्जी बनाते है तो उसके टेस्ट में चार चाँद लग जाते है। अब आप खुद सोचिए जब आप इस खेती को अपने खेत में करेंगे तो आपकी कमाई में भी बहुत इजाफा होगा और आपको इसकी अच्छी कीमत मिलेगी।

हल्दी की खेती कैसे की जाती है,Haldi ki Kheti Kaise Kare

काफी सारे किसान भाई अपने खेतों में औषधीय गुण वाली अदरक की फसल की खेती करना चाहते है परंतु उन्हे अदरक की खेती कैसे करें इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। तो हमने सोचा क्यों न किसान भाइयो के लिए अदरक के लिए जमीन की तैयारी करने से लेकर अदरक को निकालने तक की सारी जानकारी एक ही जगह पर दे दें ताकि किसान भाई अदरक की खेती कर सकें।

अगर आप अदरक की खेती कैसे करें, अदरक की खेती करने की विधी क्या है ये सब जानकारी पाना चाहते है तो आपको इस आर्टिक्ल को शुरू से लेकर अंत तक जरूर पढ़ना चाहिए। इसके अलावा इस आर्टिक्ल में आपको अदरक का बीज कहाँ से खरीद सकते है इसके बारे में भी पता चल जाएगा।

 

अदरक क्या है? Adrak Kya Hai

अदरक भूमि के अंदर उगने वाली औषधीय फसल है इसका इस्तेमाल ज़्यादातर औषधि के रूप में किया जाता है। अदरक का वैज्ञानिक नाम जिंजिबर ऑफ़िसिनेल है जो भूमि से जल लेकर धीरे धीरे बढ़ता रहता है। अदरक को औषधीय गुण से भरपूर माना जाता है। इसके अलावा अदरक एक स्वाद बढ़ाने वाला मसाले की तरफ भी है जिसका इस्तेमाल हम चाय और सब्जियाँ बनाने में करते है।

अदरक की खेती कैसे करें | Adrak ki Kheti Kaise ki Jaati Hai

काफी सारे किसान भाई अपने खेतों में अदरक की खेती करना चाहते है इसके लिए हम आपको विस्तार से अदरक की खेती करने से जुड़ी सारी जानकारी शेयर करने वाले है। आप भी हमारे बताए गए स्टेप को फॉलो करते हुए अदरक की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते है।

अदरक की उन्नत खेती के लिए जलवायु –

किसान भाइयों को इस बात का बड़े अच्छे ढंग से ज्ञान होगा की किसी भी प्रकार की फसल के लिए जलवायु का सही होना बहुत जरूरी है जिस प्रकार राजस्थान में सरसों का उत्पादन अच्छा होता है परंतु पंजाब में नहीं होता है। इसी प्रकार हर फसल के लिए अलग अलग जलवायु की आवश्यकता होती है।

अदरक की उन्नत एवं ज्यादा पैदावार लेने के लिए अनुकूल जलवायु का बहुत बड़ा योगदान होता है। अदरक की खेती के लिए गरम और कम आदर्ता वाले स्थानो को सबसे उत्तम माना जाता है। जब हम अदरक की खेती करते है तो अदरक की गांठों को जमीन में जमाने के लिए थोड़ी बहुत बारिश की आवश्यकता होती है। अगर शुरुआत में बारिश हो जाए तो यह पूरे साल फसल के लिए लाभदायक रहती है।

अगर जब फसल थोड़ी बहुत बड़ी हो जाए और उसके बाद अच्छी 2 बारिश हो जाती है तो फसल की वृद्धि अच्छे ढंग से होती है। इसके अलावा जब अदरक के तैयार होने के बाद इसे निकालते है उससे एक महीने के अंतराल में बिलकुल सूखा मौसम अदरक के लिए सबसे अच्छा रहता है।

अदरक की खेती की अच्छी पैदावार और रोगों से बचाने के लिए इसकी अगेती बुवाई की जाए तो यह बहुत ही बढ़िया रहती है। 1500 MM से लेकर 1800 एमएम तक जिस एरिया में बारिश होती है वह क्षेत्र अदरक की खेती के लिए सबसे बढ़िया माना जाता है। भारत के अंदर इस प्रकार के क्षेत्र बंगाल, बिहार, चेन्नई,मध्य प्रदेश कोचीन, पंजाब और उत्तर प्रदेश है, जहां पर इसकी अच्छी पैदावार भी होती है।

अदरक की खेती के लिए 25 डिग्री सेंटीग्रेट से लेकर 35 डिग्री सेंटीग्रेट का तापमान बढ़िया रहता है इस तापमान में अच्छी पैदावार मिलती है। अगर अदरक की खेती वाली जमीन में पानी की निकासी की उत्तम व्यवस्था नहीं है तो यह फसल ज्यादा बारिश आने पर खराब भी हो सकती है।

 

अदरक की खेती का समय | Adrak ki Kheti Ka Time –

अदरक की बुवाई का समय जगह के हिसाब से बदलता है जिस प्रकार की जलवायु जिस जगह पर होगी उसी प्रकार अदरक की खेती का समय होगा। हम दक्षिण भारत के अंदर अदरक की खेती की बुवाई के समय की बात करें तो अप्रेल मई के समय में बोई जा सकती है क्योंकि यह मानसून का मौसम होता है और दिसंबर तक फसल तैयार हो जाती है।

इसके अलावा उत्तर और मध्य भारत का इलाका थोड़ा शुष्क क्षेत्र है इसलिए इस क्षेत्र में कोई किसान भाई अदरक की फसल बौना चाहता है तो अप्रेल से लेकर जून के महीने के बीच का समय सबसे ज्यादा उत्तम माना जाता है। अगर आप 15 जून से पहले अदरक की फसल की बिजाइ कर दें तो सही रहेगा। मध्य और उत्तर भारत में 15 जून के बाद अदरक की खेती की बुवाई करने पर फसल के कंद ( बीज ) सड़ने लगते है तथा अंकुरण पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

अगर आपका क्षेत्र इस प्रकार का है की जहां पर पानी की भरपुरता है जैसे पंजाब तो ऐसे पानी वाले क्षेत्र में फरवरी के मध्य में बुवाई की जाए तो फसल में 80 प्रतिशत तक की पैदावार जादा देखें को मिलती है। केरल में काफी सारे किसानों ने बताया है की 1 अप्रेल से 10 अप्रेल के बीच में अदरक की खेती करने पर 200 प्रतिशत तक फसल का उत्पादन बढ़ जाता है।

इसके अलावा पहाड़ी क्षेत्र में अदरक की खेती करने का समय 10 से 20 मार्च तक का बिलकुल सही रहेगा। इसके अलावा अलग अलग क्षेत्र के हिसाब से समय होता है। अगर आप अच्छी पैदावार लेना चाहते है तो आपको अपने एरिया के हिसाब से सही समय पर ही फसल की बुवाई करनी है।

अदरक की खेती के लिए उपयुक्त जमीन/मिट्टी –

किसान भाइयो किसी भी फसल की उत्तम पैदावार के लिए मिट्टी का भी उपयुक्त होना जरूरी है अगर आप अदरक की खेती करना चाहते है तो मैं आपको बता दूँ की अदरक की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त माँनी जाती है। जीवाश्म और कार्बनिक पदार्थ वाली मिट्टी वाली आपकी जमीन है तो अदरक की खेती के लिए इससे उत्तम मिट्टी/जमीन और कोई हो ही नहीं सकती है।

अदरक की खेती कैसे की जाती है ,Adrak ki Kheti Kaise Karen

अदरक की खेती के लिए भूमि में जल निकासी की उत्तम वयवस्था होना जरूरी है क्योंकि अगर जल निकासी नहीं होती है तो फसल के कंद सड़ने लगते है। इसके अलावा आप लगातार जमीन में एक ही फसल ना बोएन इससे मिट्टी में पोशाक तत्वों की कमी आ जाती है इसलिए कृषि चक्र वाली भिमी सबसे बढ़िया मांगी जाती है।

अगर आप अपनी मिट्टी की जांच करवा सकते है तो जरूर करवा लें, इससे आपको मृदा का पीएच मान पता लग जाता है। अदरक की खेती के लिए 5.6 से लेकर 6.5 Ph मान सबसे उपयुक्त होता है।

अदरक की खेती के लिए जमीन कैसे तैयार करें –

  1. दोस्तो अदरक की खेती के लिए जमीन तैयार करने के लिए बोने से लगभग डेढ़ से दो महीने पहले खेत में हल से अच्छी तरह आप कल्टीवेटर कर दें उसके बाद जमीन को दस से पंद्रह दिन के लिए आप धूप लगने के लिए इस जमीन को उसी प्रकार छोड़ दें।
  2. अब कुछ दिन बाद आप उसी जमीन को दुबारा रुटाबेटर यां तवईंयां ( डिस्क हैरो ) से जमीन को भूरभूरी बना लें। जमीन में अब आपने गोबर की यां कोंपोस्ट से बनाई हुई जैविक खाद को डालकर कुछ दिन छोड़ देना है जिसके बाद आप फिर से कल्टीवेटर की मदद से खेत में हल कर दें। इसके बाद आपने सुहागा ( पाटा ) चलकर खेत को बिलकुल समतल कर देना है।
  3. अब आपने अपनी जमीन के अनुसार जिस प्रकार बुवाई करनी है उसी प्रकार क्यारियाँ डालकर उसमें कुछ उर्वरक की मात्र डालकर सिचाई कर देनी है।
  4. इस प्रकार आप अपनी अदरक की खेती के लिए जमीन को अच्छे ढंग से तैयार कर लें। और क्यारियाँ इस प्रकार बनाएँ की आपको पानी लगाने में आसानी हो।

अदरक की खेती के लिए उन्न्त बीज कौनसे है?

दोस्तो आपको अदरक की खेती के लिए कुछ बढ़िया क्वालिटी के बीज का इस्तेमाल करना चाहिए। हम यहाँ पर आपको कुछ बढ़िया उन्न्त और ज्यादा पैदावार देने वाले बीज के बारे में बता देते है।

सूखे अदरक हेतु उन्नत किस्में –

अगर आप सूखा अदरक निकालना चाहते है तो इसके लिए सबसे बढ़िया करक्कल, नदिया, मारन, विनाङ, मननटोडी, वल्लूवनद, इमड और कुरूप्पमपदी जैसी किस्में सबसे बढ़िया मानी जाती है। आप सूखे अदरक के लिए इनमें से किसी भी अदरक की किस्म को अपने खेत में लगा सकते है।

ताजे अदरक हेतु –

ताजे अदरक के लिए आपको अपने खेत के अंदर रिपोडीजेनेरो, चाइना, विनाड और टफन्जिया जैसी अदरक की मशहूर क़िस्मों को अपने खेत में लगाना चाहिए।

तेल के लिए अदरक की उन्न्त किस्में

अगर आप अदरक की खेती अदरक के तेल के लिए कर रहे है तो आज के समय में अदरक के तेल के लिए स्लिवा, नारास्सापट्टाम, वरूआसागर, वासी स्थानीय, अनीड चेन्नाडी जैसी उन्न्त किस्में है।

इसके अलावा आप नीचे लिस्ट में देख सकते है की किस प्रकार आप अपने राज्य के हिसाब से सबसे अच्छी मानी जाने वाली अदरक की किस्म को बौ सकते है।

क्र. राज्य प्रजातियों के नाम विशेषता
1. आसाम बेला अदा, मोरन अदा, जातिया अदा छोटे आकार के कन्द तथा औषधिय उपयोग के लिये प्रयुक्त
2. अरूणाचल प्रदेश केकी, बाजार स्थानीय नागा सिंह, थिंगिपुरी अधिक रेशा एवं सुगन्ध
3. मणिपुर नागा सिंह, थिंगिपुरी अधिक रेशा एवं सुगन्ध
4. नागालैण्ड विची, नाडिया सोठ एवं सुखी अदरक हेतु
5. मेघालय सिह बोई, सिंह भुकीर,काशी औषधिय उत्तम अदरक
6. मेजोरम स्थानीय,तुरा,थिंग पुदम, थिगंगिराव रेशा रहित तथा बहुत चरपरी अदरक
7. सिक्किम भैसी अधिक उपज

इस बीज लिस्ट में दिये गए बीज सबसे बढ़िया बीज है परंतु आप अपने राज्य के हिसाब से बीज का चयन करें और उसे अपने खेत में लगाएँ।

अदरक का बीज कैसे बनाएं | अदरक की खेती के लिए बीज कैसे तैयार करें –

आपको बता दूँ की अदरक का कोई बीज नहीं होता है बल्कि अदरक की कंद यां अदरक के छोटे छोटे टुकड़े लगते है इन्हे ही अदरक का बीज कहा जाता है तो इसे हम किस पार्कर तैयार करें इसके बारे में जानते है।

  1. दोस्तो अदरक का बीज तैयार करने के लिए आपको सबसे पहले बढ़िया क्वालिटी की जिस किस्म की अदरक आप लगाना चाहते है उसे खरीदें।
  2. इसके बाद आप कम से कम 2 यां 3 गांठ वाली अदरक को टुकड़ो में काट लें। आप अदरक के जिन कंद को काट रहे है उसका वजन कम से कम 20 – 22 ग्राम जरूर होना चाहिए और लंबाई भी 2 सेंटीमीटर से 5 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए।
  3. इन्हे काटने के बाद आपने बीज को उपचरित करना होगा, इसके लिए आप मैंकोजेब .मैटालैक्जिल) या कार्बोन्डाजिम की 3 ग्राम को एक लीटर पानी के हिसाब से घोलकर एक घोल तैयार करना है। अब आपने जो कंद तैयार किए थे उन्हे इस घोल में कम से कम 30 मिनट ( आधे घंटे ) तक रख देना है।
  4. इसके अलावा आप 5 ग्राम स्ट्रप्टोसाइकिलन ध् प्लान्टो माइसिन को 20 लीटर पानी के अंदर मिलकर इसमें भी कुछ टाइम बीज को डुबोकर रखते है तो कंद के जीवाणु जनित रोग लगने के चान्स बहुत कम हो जाते है।
  5. इसके बाद आप इन्हे निकालकर कुछ समय के लिए सूखा दें, इस प्रकार आप अदरक की खेती के लिए अच्छा बीज तैयार कर सकते है।

अदरक की खेती के लिए प्रति हाइक्टेयर कितना बीज डालें –

यह सबसे ज्यादा ध्यान रखने वाली बात है की अदरक की खेती में प्रति हेक्टेयर कितना बीज डाला जाए क्योंकि कम बीज डालने ओर ज्यादा बीज डालने दोनों स्थितियों में दिक्कत हो सकती है।

तो अगर आप भी अदरक की खेती करने की सोच रहे है तो आपको एक हेक्टेयर में लगभग 20 से लेकर 25 क्विंटल बीज प्रति हेक्टेयर अदरक की खेती के लिए उपयुक्त है, तथा एक हेक्टेयर में 140000 पोधे काफी रहते है। यानि की एक एक हेक्टेयर में लगभग 4 बीघा होते है तो आप 1 बीघा में लगभग 5 से 6 क्विंटल अदरक का बीज  डाल सकते है तथा 35000 अदरक के पोधे एक बीघा में उत्तम रहेंगे।

तो दोस्तो आपको पता चल गया होगा की हमें एक हेक्टेयर में कितने पोधे और लगभग कितनी अदरक के कंद का इस्तेमाल करना चाहिए।

अदरक कैसे उगाई जाती है | अदरक लगाने की विधि –

दोस्तो अदरक लगाने के लिए आपको मैं एक विधि बताता हूँ आप इस हिसाब से अदरक उगाएँगे तो आपको आसानी होगी तो चलिये जाने।

ऊँची क्यारी विधि:

  1. आपने जो जमीन तैयार की थी उस जमीन में अलग अलग क्यारियाँ बना लें, इसके बाद आपने इन क्यारियों में छोटी छोटी क्यारियाँ ( मेढ ) ओर बनानी है।
  2. इन मेढ के बीच आपको कम से कम 40 CM की दूरी जरूर रखनी है। इसके बाद आपने जो बीज तैयार किया था उसे लगाना है।
  3. अब आप इन क्यारियों में लगभग 40 CM की दूरी पर कम से कम 5 cm गहराई में अदरक के कन्दो को लगाना है।
  4. आपने पोधे एक कतार में लबाई चोड़ाई में लगाना है आप ये दूरी 15 x 40, 20×40, 25×35 पर भी अदरक को लगा सकते है।
  5. इसके बाद आप लगाए हुए पोधों को पशुओं की गोबर की खाद यां कोंपोस्ट की खाद से ढक देना है ताकि फसल को पूरी मात्र में पोषक मिल सके।

समतल जमीन पर अदरक लगाने की विधि –

  1. अगर आपके यहाँ पर समतल भूमि है तो आपको इस विधि की मदद से अदरक की खेती करनी चाहिए यह काफी आसान विधि है।
  2. इसमें आपने समतल जमीन में कुदल लेकर उसकी मदद से अदरक की 4 से 5 cm नीचे गहराई में अदरक के कन्दो को लगाना है।
  3. इसके अंदर आप कुदाली से छोटी छोटी नाली जरूर बनाए ताकि आपको पानी की निकासी करने में कोई दिक्कत न हो इस प्रकार आप समतल भूमि पर अदरक की खेती कर सकते है।

अदरक की खेती में खाद कब डालें | Adrak ki Kheti me Khad Kab Dale

अदरक की खेती में खाद डालना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी सही समय पर खाद डालना भी जरूरी है। आपके पास गोबर की खाद पड़ी है तो आप हमारे बताए समय पर खाद डालें

जब आप खेत यां जमीन की बुवाई कर दें तो उसके बाद आप उसके अंदर खाद डाल दे और उसके बाद आपने उसे एक बार फिर से बुवाई कर देना है।

उसके बाद आपने जब अदरक को बीज दिया उसके बाद लगाई गयी अदरक के ऊपर आपने खाद डाल देना है ताकि उसे सही पोषक मिल सकें।

ध्यान रहे यहाँ पर हम खाद की बात कर रहे है, उर्वरक डालने के बारे में हम आपको आगे बताने वाले है।

अदरक में लगने वाले रोग | Adrak ki Kheti me Rog –

दोस्तो अदरक की खेती में काफी सारे रोगो के लगाने की संभावना रहती है अगर आप अदरक की खेती को रोगो से बचाना चाहते है तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।

प्रकंद का सड़ना –

अदरक की खेती में लगने वाला यह सबसे प्रमुख रोग है इसके अंदर अदरक के पत्तों का रंग हल्का होना शुरू हो जाता है तथा पत्ते पीले होने शुरू हो जाते है। इस रोग का मुख्य कारण बीज का सही तरीके से तैयार न कर पाना होता है।

इस रोग के अंदर हमें कंद ऊपर से सही दिखाई देंगे परंतु अंदर से बिलकुल खराब हो जाते है। इस रोग से बचने के लिए आपको बीज तैयार करते समय आधे घंटे तक हमने ऊपर बताया है उस घोल में जरूर डालना चाहिए।

पीत रोग –

अदरक की खेती में पीत रोग लगने के कारण खेती खराब हो सकती है इस रोग में पत्ते पीले होने शुरू हो जाते है परंतु पत्ते पोधे से अलग होकर नहीं गिरते है, धीरे धीरे पोधा सूखने लग जाता है और अंत में पोधा मुरझाकर खत्म हो जाता है। यह रोग ज़्यादातर समय ज्यादा तापमान, अत्यधिक मात्रा में आदर्ता तथा मिट्टी के अंदर ज्यादा नमी होने के कारण यह रोग होता है।

जीवाणुजी म्लानि या उकठा –

इस प्रकार का रोग ज़्यादातर धूप में उगने वाले पोधों में ज्यादा देखा गया है। इस रोग के अंदर अदरक के पोधे के ताने के ऊपर पतली पतली लंबी धरैया देखने को मिलेगीतथा इस रोग के कारण कई बार ताने के अंदर बदबू आणि भी शुरू हो जाती है। इस रोग के कारण अगर आप ताने को थोड़ा सा भी खींचते है तो वह प्रकंद से अलग हो जाता है।

इस प्रकार के अनेक रोग आपको अदरक की खेती में देखने को मिल जाते है। इन रोगो से उपचार करने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

अदरक की खेती को रोगों से कैसे बचाएं –

दोस्तो अगर आप भी चाहते है की आपकी अदरक की खेती में किसी भी प्रकार का रोग न लगे तो आपको खेती बोने से पहले कुछ बातों का ध्यान देना चाहिए जैसे –

  1. अदरक की खेती लगातार एक ही जमीन पर न करें, आप फसल चक्र को जरूर अपनाएं जैसे एक साल अदरक की खेती कर ली उस जमीन में दूसरे साल कोई और फसल उगाये।
  2. जमीन को तैयार करते समय हल गरई तक लगाए और उसके बाद जमीन को कुछ दिन धूप में पड़ी रहने दे ताकि उसके अंदर मौजूद किट धूप से मर जाए।
  3. गोबर की खाद अदरक की खेती वाली जमीन में जरूर डालें और उसके बाद उसे प्लास्टटिक की चादर से ढक दें ताकि उसका सोरीकरण हो सके।
  4. अदरक की खेती के लिए जिन प्रकन्दो ( बीज ) का इस्तेमाल आप करने वाले है उन बीजो को अच्छे तरीके से अलग करें उनमें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
  5. इसके अलावा आप खेती की दवाई वाली दुकान से रोग के बारे में बताकर कीटनाशक का इस्तेमाल भी कर दें ताकि इससे रोग पर नियंत्रण पाया जा सके।

इस प्रकार आप अदरक की खेती में लगने वाले इन रोगो से बचाव कर सकते है। अगर आपने अदरक की खेती अच्छी जमीन पर बोयी है तो ये रोग लगने की संभावना उतनी ही कम हो जाती है।

अदरक की खेती में उर्वरक कैसे डालें –

अदरक की खेती में आपको उर्वरक भी डालने की जरूरत होती है इसके अलावा हमने आपको ऊपर बता दिया है की आप अदरक की खेती में खाद को किस प्रकार डालें

  1. आप शुरुआत में एक हेक्टेयर में 50 किलोग्राम फास्फोरस, 150 किलोग्राम पोटाश, 250 किलो गोबर की खाद और 2 टन तक नीम की खली प्रति हेक्टेयर अदरक को बोने से पहले डाल दें।
  2. उसके बाद जब अदरक को बोये हुए लगभग 40 दिन का समय हो जाए तो आप उसमें 40 किलो नईट्रोजन और गोबर की खाद भी डाल दें।
  3. अदरक 8 से 9 महीने की खेती है इसलिए आपको 3 महीने के बाद एक बार फिर से अदरक की खेती में 35 से 40 किलो नाईट्रोजन, 5 किलो पोटाश और 20 – 25 किलो गोबर की यां कोंपस्ट खाद को डाल दें।

आपको हमने ये जो खाद डालने की मात्र हेक्टेयर के हिसाब से बताया है यानि ऊपर बताई गयी मात्र आपने 4 बीघा के अंदर डालनी है। 

उर्वरक आधारीय उपयोग 40 दिन बाद 90 दिन बाद
नाईट्रोजन 40 KG 40 KG
फास्फोरस 50 KG
पोटाश 150 KG 5 KG
कम्पोस्ट यां गोबर की खाद 250 KG 300 क्विंटल 25 KG
नीम की खाली 2 टन

अदरक की खेती को खरपतवार से कैसे बचाएं –

अदरक की खेती को खरपतवार से बचना बहुत ही जरूरी है इसके लिए आप अदरक की खेती में पलवार को जरूर बिछाए इससे भूमि का तापमान और नमी सही रहती है जिससे अनावश्य उगने वाले पोधों से राहत मिलती है।

सही समय आने पर आपको खरपतवार को निकालना चाहिए तथा अदरक को रोपने के बाद आपने उन्हे केले, आम शीशम और गन्ने की पत्तियों से धक देना चाहिए इससे भी खरपतवार के उगने के चान्स कम हो जाते है।

अदरक की खेती की खुदाई कैसे करें –

दोस्तो अदरक की खेती एक लंबे समय की खेती है यह फसल कम से कम 8 से 9 महीने का समय तैयार होने में लेती है। अदरक की खेती 8 से 9 महीने बाद अपनी पत्तियाँ पीली होकर नीचे गिरनी शुरू हो जाती है, इसके बाद आप खुदाई शुरू कर सकते है।

आपको सही समय पर खुदाई शुरू करनी चाहिए अगर आप खुदाई में देरी करते है तो फसल की उपज और उसकी क्वालिटी दोनों पर ही आपको बहुत बुरा असर देखने को मिलेगा। इसके अलावा अगर मौसम शुष्क यां नमी वाला है तो ऐसे समय में एकबार खुदाई करने से आपको बचना चाहिए क्योंकि ऐसे समय में खुदाई करने पर आपकी उपज में कमी आ सकती है।

आपको खुदाई फावड़े यां कुदले से करनी चाहिए ताकि अदरक को किसी प्रकार का नुकसान न हो। एक बार अदरक की खुदाई करने के बाद आपने अदरक से उसके पत्तों, अदरक पर लगी मिट्टी को साफ कर लेना है। इसके बाद आपने उन अदरक को साफ पानी की मदद से धोकर सूखा देना है।

अगर आप अदरक का इस्तेमाल खाने के लिए करना चाहते है तो आपको अदरक 6 महीने के बाद ही निकाल लेनी चाहिए ताकि अदरक सूखे ना। इसके बाद आप अदरक को 6 से 8 घंटे खाने के लिए निकली गयी अदरक को पानी में रख दें उसके बाद आप उस अदरक को नारियल के रेशों की मदद से यां किसी अच्छे ब्रुश की मदद से साफ कर लेनी चाहिए।

अदरक को पानी से धोने के बाद आप उसे सोडियम हाइड्रोक्लोरोइड के 100 पी पी एम घोल के अंदर कम से कम 10 मिनट तक डुबोकर जरूर रखनी चाहिए। अगर आप ऐसा कर लेते है तो अदरक की सूक्ष्म जीवों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है और अदरक जल्दी खराब नहीं होती है।

इस प्रकार आप अपने खेत में पैदा हुई अदरक की खुदाई करके उसे निकाल सकते है जिसके बाद आप बाजार में बेचना चाहे तो बेच दें यां फिर इसका भंडारण भी कर सकते है।

 

अदरक की खेती का भंडारण कैसे करें –

आप निकली गयी अदरक को पानी से साफ करके उसे सोडियम हाइड्रोक्लोरोइड के अंदर डालकर सूखा लेना है जिसके बाद आप इस अदरक का भंडारण करना है। अदरक का भंडारण करने के लिए आपको अच्छे और साफ कमरे यां फिर स्टोर की जरूरत पड सकती है।

इसके अलावा आप अदरक को निकालकर उसे साफ करके आपने एक गढ़े में डालकर उसमें अदरक को डालकर बालू की मिट्टी से ढक देना है और इस प्रकार आप इसे बिना किसी स्टोर रूम के भी भंडार कर सकते है।

अगर आपके पास अदरक का भंडारण करने की अच्छी जगह है तो आप उसे द्वै की मदद से अच्छी तरह भंडार कर सकते है।

अदरक की नर्सरी कैसे तैयार करें –

अगर आपके पास पानी की कमी है तो आप नर्सरी तैयार करके भी अदरक की खेती कर सकते है तो चलिये दोस्तो अदरक की नर्सरी कैसे तैयार करें इसके बारे में भी जान लेते है।

  1. अदरक की नर्सरी लगाने के लिए आपने सबसे पहले अच्छे बीज ( कंद ) को छांटना है और उसके बाद आपने इनका नर्सरी में इस्तेमाल करना है।
  2. इसके लिए आपने सबसे पहले 50 प्रतिशत खाद और 50 प्रतिशत मिट्टी को मिलकर एक मिक्स्चर आपने तैयार करना है। अब आपने अदरक के कन्दो को इसी मिश्रण की मदद से ढक देना है।
  3. इसके बाद इसमें हर रोज सुबह शाम थोड़ा थोड़ा पानी का छिड़काव करते रहे और इसके बाद धीरे धीरे अदरक के पोधों तैयार हो जाएंगे।
  4. अब जब भी मानसून का मौसम आए तो आप अपनी नर्सरी में तैयार किए गए इन पोधों को अपने खेत के अंदर लगा सकते है। इस प्रकार आप कम पानी में भी बड़ी अच्छे तरीके से अदरक की नर्सरी तैयार कर सकते है।

 

अदरक की खेती छाया में क्यों करें जाने कारण –

दोस्तो अदरक की खेती को छाया में बौना चाहिए इससे आपको अनेक फायदे होते है। ज़्यादातर किसान इसे छाया में बोते है तो फसल में 25 प्रतिशत की पैदावार ज्यादा देखि गयी है। वहीं कुछ ऐसे रोग होते है जो अदरक कि खेती में धूप के कारण पैदा होते है। अगर आप इसे छाया में अदरक की खेती करते है तो आपको इन रोगो से छुटकारा मिल सकता है।

इसके अलाव छाया में जो अदरक लगाई जाती है उसके अंदर खरपतवार भी बहुत ज्यादा नहीं होता है जिस कारण अदरक की खेती में छाया का बहुत बड़ा महतव है।

अदरक की खेती की पैदावार और कमाई –

अदरक की पैदावार काफी अच्छी होती है एक हेक्टेयर के अंदर लगभग 100 क्विंटल से लेकर 150 क्विंटल तक की पैदावार होती है। इसके अलावा आप अपने खेत में अच्छा प्रबंधन करते है और मौसम सही रहता है तथा बारिश सही समय पर हो जाए तो अदरक की 200 से लेकर 250 क्विंटल की पैदावार एक हेक्टेयर में हो जाती है।

इस हिसाब से सोचे तो एक बीघा के अंदर लगभग 25 क्विंटल से लेकर 50 क्विंटल तक की अदरक निकाल जाती है। वैसे सभी किसान भाई जानते है की कभी पानी समय पर आ जाए और भगवान की दया से बारिश समय पर हो तो पैदावार बढ़ जाती है। कई बार बारिश नहीं होती है यां गलत समय पर होती है तो इससे फसल कम भी हो सकती है।

अगर अदरक की खेती से कमाई की बात करें तो अगर हमारे एक बीघा में 30 क्विंटल अदरक निकलती है तो एक क्विंटल अदरक की कीमत 20 रुपए से लेकर 100 रुपए तक रहती है। यानि की एक क्विंटल अदरक की कीमत हम 3000 रुपए मानकर चलें तो आपको एक बीघा में लगभग 90 हजार तक की अदरक की कमाई होगी।

एक बीघा में 90 हजार की अदरक होती है तो आपकी मेहनत और खर्च निकालकर आपको कम से कम 50 हजार रुपए की बचत आराम से हो सकती है।

प्रति एकड़ अदरक की खेती लागत –

दोस्तो अदरक की पैदावार अच्छी होती है तो इसमें लागत भी बहुत लगती है। एक हेक्टेयर अदरक की खेती में लगभग एक लाख से लेकर डेढ़ लाख तक की लागत आती है। यानि प्रति एकड़ अदरक की खेती लागत 1 लाख 25 हजार रुपए हम मान सकते है।

इस प्रकार एक बीघा अदरक में आपको लगभग 30 हजार की लागत लगती है और आपकी एक बीघा में 90 हजार की अदरक होती है तो आप आराम से 50 हजार रुपए एक बीघा अदरक से कमा सकते है।

अदरक का बीज कहां मिलता है | Adrak ka Bij Kahan Milega –

दोस्तो आपको बता दूँ की अदरक का कोई बीज नहीं होता है बल्कि अदरक की गाँठे लगाई जाती है जिनहे कंद कहा जाता है। आप अदरक के बीज यां ईन कंद को बाजार में जाकर खरीद सकते है, इसके अलावा आप ऑनलाइन IndiaMart, Amazon जैसी अनेक वैबसाइट है जहां से अदरक के बीज ( कंद ) को मांगा सकते है।

मैं आपको यही सलाह दूंगा की आप बाजार जाकर देखकर ही अदरक के कंद खरीदे क्योंकि वहाँ पर आपको अदरक की अलग अलग क्वालिटी के बारे में ज्यादा जानकारी मिल सकती है।

अदरक के फायदे और नुकसान | Adrak ke Fayde Aur Nuksan –

दोस्तो हम सभी जानते है की अदरक एक औषधीय गुण वाली फसल है इसलिए इस फसल के फायदे तो काफी है और कुछ नुकसान भी है तो चलिये जानते है कौनसे फायदे और नुकसान है।

अदरक के फायदे | Adrak ke Fayde –

अदरक के अनेक फायदे है तो चलिये मैं आपको कुछ खास खास अदरक के फायदे आपको बता देता हूँ ताकि आप भी इसके फ़ायदों के बारे में जान जाएँ

  1. अगर आपको भूख नहीं लगती है तो आप अदरक के छोटे छोटे टुकड़े काटकर उसमें नमक लगाकर खाते है तो आपको अच्छी भूख लगानी शुरू हो जाएगी।
  2. अदरक आपको अनेक प्रकार की बीमारियों से बचाता है अदरक की मदद से आपकी पाचन शक्ति मजबूत बनती है आपका शरीर रोगो के प्रति ज्यादा आक्रामक बनता है।
  3. अगर आपको शुगर है और आप हर रोज अदरक का सेवन करते है तो इससे आपकी किडनी खराब होने के चान्स काफी हद तक कम हो जाते है।
  4. अगर आपको खांसी, जुखम यां बुखार है तो आप अदरक डालकर चाय यां दूध पीते है तो आपको आराम मिलता है।
  5. अदरक के पाउडर का इस्तेमाल ककेंसर के इलाज के रूप में किया जाता है। इस अदरक के पाउडर को ओरियन कहते है।

इसके अलावा भी आपको अदरक के अनेक फायदे देखने को मिल जाएंगे, अदरक काफी सारी बीमारियों का इलाज घर पर ही कर देती है।

अदरक के नुकसान | Adrak ke Nuksan –

अदरक के फ़ायदों के साथ साथ इसके कुछ नुकसान भी है आपको अदरक से होने वाले नुकसान के बारे में भी जरूर जान लेना चाहिए।

  1. अगर आप दिन में ज्यादा मात्र में अदरक की चाय का सेवन करते है तो आपको सिर दर्द, पेट दर्द की समस्या हो सकती है।
  2. अदरक खाने में गरम होती है आपको अदरक का इस्तेमाल गर्मी में नहीं करना चाहिए। अगर आप गर्मी में अदरक का इस्तेमाल करते है तो यह आपको गर्म कर सकती है।
  3. अदरक का ज्यादा सेवन हमारे खून को पतला बनाता है अगर आपको इस प्रकार की कोई पहले से समस्या है तो आपको अदरक का कम सेवन करना चाहिए।

तो दोस्तो ये अदरक के कुछ नुकसान भी है और इसके अलावा एक स्वस्थ शरीर के लिए अदरक के फायदे भी आपको बहुत सारे देखने को मिलते है।

अदरक की खेती से जुड़े कुछ प्रश्न उत्तर :

प्रश्न 1 : 1 एकड़ में अदरक कितना निकलता है?

उत्तर 1 : एक एकड़ के अंदर 60 क्विंटल कम से कम निकलता है, अगर बारिश समय पर और अच्छी होती है रोग नहीं लगता है तो एक एकड़ में 120 क्विंटल तक अदरक निकल सकती है। 

प्रश्न 2 : अदरक का क्या रेट है?

उत्तर 2 : आज के समय में 2000 रुपए क्विंटल से लेकर 9000 रुपए क्विंटल तक अदरक का रेट रहता है। 

प्रश्न 3 : अदरक कौन से महीने में बोई जाती है? 

उत्तर 3 : अदरक की फसल अलग अलग जगह के हिसाब से बोई जाती है अदरक को ज़्यादातर जगह अप्रेल मई में बोई जाती है। 

प्रश्न 4 : अदरक की खेती कितने महीने की होती है

उत्तर 4 : अदरक एक लंबे समय की फसल होती है अदरक की खेती 8 से 9 महीने की होती है। 

निष्कर्ष –

दोस्तो, इस आर्टिक्ल के अंदर हमने अदरक की खेती कैसे की जाती है अदरक की खेती के लिए कौनसी जलवायु और जमीन सही रहती है इसके बारे में बताया है। मुझे नहीं लगता है इस आर्टिक्ल को पढ़ने के बाद आपको अदरक की खेती से जुड़ी कोई भी जानकारी लेने के लिए किसी दूसरे ब्लॉग पर जाना पड़ेगा।

अगर आपको अदरक की खेती कैसे करें यह पता चल गया है तो आप कमेंट में जरूर बताएं साथ ही आपको अदरक से जुड़ी कोई ओर जानकारी चाहिए तो आप हमसे कमेंट में पूछ सकते है।

मैं खुद किसान परिवार से हूँ और मैंने देखा की इंटरनेट पर किसानो की सहायता करने वाली कोई भी हिन्दी वैबसाइट नहीं है इसलिए मैं किसानों की सहायता के लिए इस वैबसाइट पर बहुत रिसर्च करके जानकारी लाता हूँ तो आपका भी एक फर्ज बनता है की आप अपने Social Media जैसे Facebook, WhatsApp पर शेयर करें।

 

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