अंगूर की खेती कैसे की जाती है जाने

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अंगूर की खेती कैसे की जाती है जाने

नस्कार दोस्तो, आपका ह्मारे ब्लॉग में स्वागत है आज के समय में आप बाजार के अंदर अंगूर की कीमत पुछते है तो शायद ही कभी आपको 100 रुपए से कम कीमत में एक किलो अंगूर मिलें। इस बात से आप अंदाज लगा सकते है की अंगूर की खेती में काफी ज्यादा मुनाफा है और इसकी बाजार में डिमांड हर समय बहुत ज्यादा रहती है। अगर आपकी जमीन अंगूर की खेती को मानती है तो आप अंगूर की खेती करके अच्छी आमदन उठा सकते है।

आपको इस आर्टिक्ल के अंदर अंगूर की खेती से जुड़ी सारी जानकारी हम विस्तार में देंगे। आर्टिक्ल पूरा पढ़ने के बाद आपको पता चल जाएगा की अंगूर की कौन कौन सी किसमें है और अंगूर की खेती के लिए किस प्रकार की जमीन की जरूरत होती है। तो चलिये इस आर्टिक्ल को पढ़कर जाने सारी जानकारी।

अंगूर की प्रजाति/ किस्मे Angur Ki Kisme

भारत मे कई तरह की किस्मे लगाई जा रही है जिनमें से जो प्रमुख 9 क़िस्मों के बारे में हम आपको यहाँ लिस्ट में बता रहे है।

  1. थोमसम सिड़ले
  2. अर्का तृष्ना
  3. अर्का सोमा
  4. अर्का हस
  5. अर्का कचन
  6. मस्कट 
  7. किसमिश बेली
  8. माजरी नवीन 
  9. माजड़ी मेडिका

थोमसम सिड़ले

थोमसम सिड़ले सबसे अच्छी क़िस्म है

सबसे ज्यादा राजस्थान में उगाई जाती है

इसके फल में बीज नही होते

देश मे 70% से ज्यादा यही किस्मे लगाई जा रही है

निर्यात की दृस्टि से भी थोमसम किस्म अच्छी मानी गई है

भारत मे जितना निर्यात होता है उसका 90% यही किस्म है

थोमसम को हम ताजे फलों के रूप में खा सकते हैं और किसमिस बनाने के लिए उपयोग किया जाता है

इसकी पैदावार 12 से 14 टन प्रति एकड़ है

अर्का तृष्ना और अर्का सोमा

ये एसर गटा बेंगलोर की वेरायटी है

शाराब बनाने में अच्छी है

अर्का हस

अर्का हस सफेद शराब बनाने के काम आती है

अर्का कचन

अर्का कचन पछेती वेरायटी है

मस्कट

मस्कट रगीन अंगूर वाली वेरायटी है

इनमे बीज पाया जाता है

किसमिश

यह किसमिश बनाने के लिए सबसे बढ़िया वेरायटी है

माजरी नवीन

यह काले रंग की किस्मे है

इसके फलो का आकार एक जैसा होता है

यह दूसरी किस्मो से  कम  समय लेती हैं

यह लगभग 110 दिन में फल तैयार कर देती हैं

माजड़ी मेडिका

इसका उपयोग ओषधीय में किया जाता है

इसका छिलका ओर गुदा दोनों रंगीन होते हैं

यह जूस के लिए बहुत अच्छी किस्म है

इसके 65 से 75 प्रतिशत रस की मात्रा पाई जाती है

इसमे एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रचुर मात्रा में पाया जाता है

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अंगूर की खेती कहां होती है? Angur Ki Kheti Kahan Hoti Hai

भारत मे सबसे ज्यादा अंगूर की खेती महाराष्ट्र में होती है, उसके बाद कर्नाटक में होती है राष्ट्रीय अंगुर अनुसधान केन्द्र पूणे ( महाराष्ट्र) में है। पश्चमी उत्तर प्रदेश , पंजाब, हरियाणा, राजस्थान,  जम्मू कश्मीर, के अलावा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड जैसे उतरी राज्यो मे भी अंगूर उगाया जा रहा है

राजस्थान में अंगूर की खेती. Rajasthan me Angur Ki Kheti

राजस्थान में सबसे ज्यादा अंगुर श्री गंगानगर में होते हैं

श्री गंगानगर को अग्रणीय जिला माना जाता है अंगुर के उत्पादन में

उसके बाद जयपुर, पाली, जोधपुर, नागौर  में भी अच्छा उत्पादन होता है

अंगूर की खेती कब और कैसे की जाती है ?

अंगूर की खेती के लिए जलवायु ओर मिट्टी | Angur Ki Kheti Kis Mausam Mein Ki Jaati Hai

  • इसके लिए ठंढ़ी जलवायु की आवश्यकता होती है
  • इनके लिए 28 से 32 ℃ तापमान उचित माना गया है
  • सर्दियों में इसकी पतिया गिर जाती है
  • इसकी मिटी  का PH मान 6.5 से 7.5 तक है

अंगूर की खेती कब और कैसे करें Angur Ki Kheti Kaise Hoti Hai

  • अंगूर की खेती जनवरी महीने में शुरू की  जाती है
  • इसकी कलमे लगाकर भी अंगुर की बेल तैयार की जाती है
  • इसके लिए गड्डों का आकार  50 ×50 ×50 सेंटीमीटर रखना होगा
  • पौधे की दूरी 3 मिटर ओर कतार से कतार की दूरी 3 मीटर रखनी होगी

अंगूर की बेल की देखभाल कैसे करें

  1. अंगूर की बेलों में हर साल दिसम्बर से जनवरी में कटाई छटाई की जरूरत पड़ती है
  2. क्यो की अंगूर के नये पदों पर ही फल लगते हैं
  3. अगर कटाई छटाई नही करेगे तो फल भी नही लगेगे
  4. अंगूर के  बेलो की कटाई छटाई ऐसे करे कि बेल का विकास चारो दिशाओ में हो
  5. अंगूर के  बेल की जो डाली पेंसिल की मोटाई से छोटी या बराबर की हो उसे ही काटना है
  6. कटाई हमेशा 2 या 3  गांठे छोड़कर करे
  7. इसके 1 माह बाद तक अधिक देखभाल की जरूरत होगी
  8. खास तोर से बारिश का पानी बेल पर नही गिरना चाहिए
  9. क्यो की इससे बीमारी फेल जाती है साथ मे बेल गलन सुरु हो जाती है
  10. इनके बचाव के लिए इसके ऊपर  प्लास्टिक का कवर लगाना होगा
  11.  समय समय पर खरपतवार नियंत्रण करते रहना चाहिए

बचाव ओर रोग नियंत्रण

  1. अगर तुड़वाई से पहले फल गिरना शुरू हो जाये तो इसमें  NAA 50 PPM का छिड़काव करना चाहिए
  2. अगर फूल जडने लगे तो भी NAA 50 PPM का छिड़काव करें
  3. फलो का आकार बढ़ाने के लिए जिरबेलिन दवा का उपयोग करना चाहिए
  4. अंगूर की फसल को चूर्णीत आसिता रोग से बचाने के लिए केरोथेन 0.1 प्रतिशत दवा का छिड़काव करना चाहिए
  5. यह रोग  पती से तनो वह फलो तक बढ़ जाता है जिससे फल खराब हो जाते हैं
  6. छछिया रोग इरिसिकी विटी नामक कवक से लगती है
  7. इसको रोकने के लिए केरोथेन या सल्फर का घोल का छिड़काव करे

अंगूर का उपयोग कहाँ पर होता है जाने

  1. अंगूर का उपयोग 80% शराब बनाने के काम में लिया जाता है
  2. इसे ताजे फल के रुप में खा सकते हैं
  3. इससे किसमिस भी बनाई जाती हैं
  4. अंगूर की मांग जूस मार्केट में भी अच्छी होती है

अंगूर की खेती को क्या कहते हैं Angur ki kheti ko kya kahate hain

अंगूर की खेती को विटिक्लचर कहते हैं

अंगूर स्वादिष्ट फल है

जो की बेल पर गुछो में लगता है

इसके खाने से बहुत फायदे होते हैं

अंगूर  के फायदे. angur ke fayde

  1. अंगूर में गलूकोज की मात्रा  8 से 13 % होती  है
  2. इसने आयरन पाया जाता है
  3. अंगूर में जो बीज होता है उसे हमेशा चबा कर खाएं
  4. क्यो की जितने गुण अंगूर में होते हैं उससे ज्यादा उसके बीज में होते हैं
  5. अंगुर के सेवन करने से आखो की रोशनी बढ़ती है
  6. ब्लड प्रेसर कम करने में अच्छा है
  7. खून की कमी को दूर करता है
  8. पेट सम्बधी रोग से छुटकारा पाया जा सकता है

गमले में अंगुर की खेती.  Gamle me angoor ki kheti

अगर आप गमले में अंगूर की बेल लगाना चाहते हैं

तो आप को कुछ बातो का धियान रखना होगा

◆ गमला हमेसा मिट्टी का या सीमेंट का होना चाहिए

◆ गमला हमेसा 1 फुट से बड़ा लेना चाहिए जितना बड़ा गमला होगा उतना ही अच्छा होगा

◆ क्यो की बेल की जड़े गमले में अच्छी तरह से फेल जाती है

◆ ओर जिस कारण फल भी ज्यादा मात्रा में जगते है

◆ इसे वैसे तो बड़े प्लास्टिक के ड्रम में भी लगा सकते हैं

◆ लेकिन उस ड्रम में तले में एक सुराख करना होगा

जिससे कि जो ज्यादा मात्रा में पानी होगा वह उस सुराख से बाहर चला जायेगा

◆ ज्दा पानी गमले में रुक जाने से अंगूर की जड़े खराब हो जाती है

अंगुर से किसमिश बनाने की विधि | Angur ki kismis kaise banti hai

अंगुर से किसमिश बनाना बहुत आसान है, आप घर पर भी किसमिश बना सकते हैं। बस जरूरी है इसके बारे में आपको अच्छी तरह से जानकारी होनी चाहिए। अंगुर से किसमिश बनाने के लिए अच्छी वेरायटी का अंगुर लेना होगा, जिनमे सुगर की मात्रा 20 से ज्यादा होनी चाहिए, अगर हम 4 किलो अंगुर लेंगे तो 1 किलो किसमिश बनेगी

◆ किसमिश बनाने के लिए सबसे पहले अंगुर को गुछे से अलग कर लेंगे

◆ खराब अंगुर को निकाल देगे अच्छी तरह छंटनी कर लेंगे

◆ उसके बाद एक बर्तन में गर्म पानी लेंगे जितने अंगूर है सभी अच्छी तरह दुब जाए उस हिसाब से पानी ले

◆ पानी को 4-5 मिनट तक आंच पर रखे

◆ उसके बाद पानी मे अंगुर डाल दे

◆ अंगुर को तब तक उबाले जब तक अंगूर पानी में तैरने न लगे

◆ उसके बाद छलनी से अंगुर को छान लें

◆ वह इसे छाया में सुखा दे

◆ सुख जाने के बाद किसमिश तैयार हो जाएगी

निष्कर्ष –

दोस्तो आज के इस आर्टिक्ल के अंदर आपको हमने अंगूर की खेती से जुड़ी काफी सारी जानकारी विस्तार में देने की कोशिश की है। मुझे उम्मीद है यह आर्टिक्ल पढ़कर आपको अंगूर की खेती के लिए किस प्रकार की जमीन चाहिए और अंगूर की बेल को रोगो से कैसे बचाएं ये सब जानकारी पता चल गयी है। अगर आपका अंगूर की खेती से जुड़ा अन्य कोई सवाल है तो आप हमसे कमेंट में जरूर पुछें हम आपके सवाल का जवाब जरूर देंगे। अंगूर की खेती कैसे की जाती है जाने

मैं खुद किसान परिवार से हूँ और मैंने देखा की इंटरनेट पर किसानो की सहायता करने वाली कोई भी हिन्दी वैबसाइट नहीं है इसलिए मैं किसानों की सहायता के लिए इस वैबसाइट पर बहुत रिसर्च करके जानकारी लाता हूँ तो आपका भी एक फर्ज बनता है की आप इसे अपने Social Media जैसे Facebook, WhatsApp पर शेयर करें।अंगूर की खेती कैसे की जाती है जाने

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