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Hanuman Ji Ki Aarti | श्री हनुमान जी की आरती
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि।बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि॥ बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार।बल बुधि बिद्या देहु मोहि हरहु कलेस बिकार॥ जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥ रामदूत अतुलित बलधामा।अञ्जनि-पुत्र पवनसुत नामा॥ महाबीर बिक्रम बजरंगी।कुमति निवार सुमति के संगी॥ कंचन बरन Read more…